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Inviting your ideas & suggestions for Elimination of Single Use Plastics

Start Date: 30-03-2022
End Date: 31-07-2022

In view of the growing menace of plastic waste, there is an urgent need to think for sustainable practices of prevent further environmental degradation being caused due to plastics ...

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In view of the growing menace of plastic waste, there is an urgent need to think for sustainable practices of prevent further environmental degradation being caused due to plastics waste thrown indiscriminately everywhere.

We are inviting your ideas and suggestion to make Jammu & Kashmir free from single use plastics. If you have anything in mind about the ways to eliminate single use plastics in the UT of J&K, please do share your ideas on MyGov Jammu & Kashmir Portal.

Start Date: 30th March, 2022
End Date: 31st July, 2022

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BrahmDevYadav 2 years 10 months ago

प्लास्टिक से क्या क्या नुकसान है?
इसके अलावा जैसे हम प्लास्टिक बैगों को इस्तेमाल करने के बाद फेंक देते हैं, ये पर्यावरण के लिए गंभीर संकट बना हुआ है| ये पानी से लेकर भूमि को प्रदूषित करने के साथ ही पेड़-पौधों और फसलों की वृद्धि व उत्पादन को भी नुकसान पहुंचा रहा है|

BrahmDevYadav 2 years 10 months ago

प्लास्टिक का निपटारा कैसे करें?
भारत सरकार की अपशिष्ट प्रबन्धन नीति के अनुसार प्लास्टिक के कूड़े को लैंडफिल साइट में ही फेंका जाना चाहिए, जहाँ इनके पूर्णतः सड़ने में लगभग 1000 साल लग जाते हैं।

BrahmDevYadav 2 years 10 months ago

अपने घर वाले पड़ोस वाले वह मित्रों को पॉलिथीन का उपयोग रोकने हेतु आप क्या कर सकते हैं?
1 जब भी घर से बाजार निकले कपड़ा या जूट बैग साथ लेकर अवश्य जायें।
2 यदि दुकानदार पॉलीथिन में सामान दे रहा है,इसका विरोध करें और आगे से उसे पॉलीथिन प्रयोग न करने की सलाह दें।
3 न खुद और न ही दूसरों को प्लास्टिक बैग का उपयोग करने दें।
4 अपने बच्चों को भी प्लास्टिक बैग के नुकसान के बारे में बतायें।

BrahmDevYadav 2 years 10 months ago

आप कचरा निपटान की समस्या को कम करने में क्या योगदान कर सकते हैं?
1) अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों का कम से कम उपयोग।
2) अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों जैसे प्लास्टिक का पुनः चक्रण।
3) खाद का उत्पादन, जैव निम्नीकरणीय कचरे से जैव गैस का उत्पादन।
4) कचरे की मात्रा भस्मक में जलाकर कम करना।

BrahmDevYadav 2 years 10 months ago

कचरे को अलग अलग करके क्या किया जाता है?
1.कचरा अलग करने से कचरे के प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) में भी आसानी होती है।
2.घर में २ कूड़े दान रखे।
3.रसोई से निकलने वाले प्लास्टिक को सूखा रखे और उसे सूखे कचरे वाले कूड़ेदान में डाले ।
4.पेपर वाले कचरे को अलग बैग में रख के सूखे कूड़ेदान में डाल दे।
5.गिला कूड़ा घर से रोज़ निकले, सूखा कूड़ा हप्ते में एक बार निकले।

BrahmDevYadav 2 years 10 months ago

एक जागरूक नागररक के रूप में हम कचरा प्रबंधन में क्या योगदान दे सकते हैं?
कचरा प्रबंधन के लिए जैविक खाद बनाकर नीलाम किया जाता है जिससे नगर परिषद को अतिरिक्त आय भी होती है और अपने नागरिकों को स्वच्छ शहर देने के दायित्व का हम निर्वाह कर पाते हैं। फिलहाल सूखे कचरे को जमीन में डंप किया जा रहा है, लेकिन इसे भी रीसायकल करने या बिजली बनाने जैसे उपायों पर विचार किया जा रहा है।

BrahmDevYadav 2 years 10 months ago

पर्यावरण से क्या तात्पर्य है कचरा प्रबंधन कैसे किया जा सकता है?
सस्टेनेबल विकास का तात्पर्य पर्यावरण फ्रेंडली और दीर्घकालीन विकास से है। कचरा प्रबंधन के उपभोग और पुन: उपभोग से एक चक्र बनता है जो प्राकृतिक संसाधनों पर हमारी निर्भरता को कुछ हद तक कम करता है और उनके दोहन में कमी लाता है। इसलिए इन दिनों सस्टेनेबल विकास की योजना बनाते समय कचरा प्रबंधन पर बहुत जोर दिया जाता है।

BrahmDevYadav 2 years 10 months ago

पूरे भारत में प्रतिदिन लगभग कितने टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है?
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 2015 में एकत्रित किए गए आंकड़ों के आधार पर जारी रिपोर्ट के अनुसार देशभर में प्रतिदिन 25940 टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है, जिसमें से देश के कुल 60 शहरों का ही योगदान 4059 टन का रहता है।

BrahmDevYadav 2 years 10 months ago

कचरा प्रबंधन पर प्रोजेक्ट कैसे बनाएं?
कचरा प्रबंधन करने के लिए खाद एक आसान और प्राकृतिक प्रक्रिया है। इसमे पेड़-पौधों और रसोई जैसे जैविक कचरे का प्रबंध किया जाता है। इस प्रक्रिया में जैविक कचरे को एक जगह जमा कर कई महीनों तक रखा जाता है, ताकि इसके अंदर रोगाणुओ का विघटन हो जाए। इसे कचरा प्रबंधन की सबसे सर्वोत्तम प्रकिया कहा जाता है।

BrahmDevYadav 2 years 10 months ago

कचरे के प्रबंधन के लिए हम क्या क्या कर सकते हैं?
कचरे को अलग-अलग छाँटकर कुछ कचरे का पुन:चक्रण किया जाता है। जिस कचर का पुन:चक्रण संभव नहीं है उसे शहर से बाहर गड्ढे में डालकर ढंक दिया जाता है। द्रव कचरे जैसे मल, जल एवं अन्य रसायन को पाइपों के द्वारा एक जगह एकत्रित कर समुचित निपटारा किया जाता है। इस तरह कचरे का प्रबंधन किया जाता है।