The UT of J&K offers beautiful verdant mountains and valleys, religious shrines and remote mountains – a paradise on earth.
The tourism sector is not just a leading source of employment, particularly for women and youth but it also provides opportunities for cohesion and socio-economic inclusion across the regions.
In this regard, J&K MyGov is inviting ideas and suggestions on how to boost tourism in the Union Territory of J&K which will not only encourage tourist inflow but will also support local communities. This would leave a long lasting contribution to strengthen the economy and give new opportunities to the people living here.
Last date of submission is 31st July, 2022.
BrahmDevYadav 3 years 1 month ago
कश्मीर घूमने कैसे जाए?
कश्मीर में घूमने के लिए JKSRTC की बसें बेहद सहूलियत भरी होती हैं। पूरा जम्मू एवं कश्मीर इनसे जुड़ा हुआ है। इसके साथ ही टैक्सी, ऑटो और लोकल बस तो हैं ही साथ ही यहाँ बसे छोटे हिल स्टेशन आज भी घुड़सवारी कर जगहें घुमाते हैं। आप चाहें तो नदियों और झीलों पर तैरती नावों के ज़रिए भी कश्मीर में घूम सकते हैं।
BrahmDevYadav 3 years 1 month ago
जम्मू कश्मीर में घूमने के लिए क्या है?
हरे भरे पहाड़, फूलों से भरी वादियांँ, सोनमर्ग की झीलें, पहलगाम की बेताब घाटी, पुलवामा के सेब के बाग और कुपवाड़ा की लोलाब वैली कश्मीर की बेतहाशा और मन मोह लेने वाली सुंदरता का जीता जागता नमूना है। पीर पंजाल रेंज में बसा गुलमर्ग दुनिया के सबसे खूसबुरत हिल स्टेशन में से एक है। कश्मीर की वादियां हर मौसम में घूमने लायक हैं।
BrahmDevYadav 3 years 1 month ago
कश्मीर जाने का सही समय क्या है?
कश्मीर में घूमने के लिए कभी भी जाया जा सकता है। फिर भी वहां की यात्रा के लिए सब से अच्छा समय मार्च से अक्टूबर के बीच का है। इस दौरान वहां का मौसम काफी अच्छा रहता है। कश्मीर जाने के लिए जम्मू ही सबसे नजदिकी रेल्वे स्टेशन और एयरपोर्ट है और लगभग हर बड़े शहर से जुड़ा हुआ है।
BrahmDevYadav 3 years 1 month ago
सीमा पर पर्यटन की हैं अपार संभावनाएं:-
पिछले साल से बड़ी संख्या में कश्मीर आने वाले पर्यटक ऐसे अनछुए स्थानों की यात्रा करने में रुचि दिखा रहे हैं| अधिकारियों का मानना है कि एलओसी से लगे सीमावर्ती जिलों बांदीपोरा, कुपवाड़ा और बारामूला में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं| बांदीपोरा, कुपवाड़ा और बारामूला में सीमा पर्यटन की प्रक्रिया शुरू करने की शुरुआत के लिए, पर्यटन विभाग ने पहले चरण में करनाह, गुरेज, उरी, बांगस घाटी जैसे स्थानों में सीमा पर्यटन शुरू करने फैसला लिया है|
BrahmDevYadav 3 years 1 month ago
पर्यटकों की रुचि और आगमन को बढ़ाने के लिए, भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग हर साल केरन उत्सव का आयोजन कर रहे हैं और अब पिछले हफ्ते केरन आने वाले पहले पर्यटकों के साथ, स्थानीय लोगों ने अपने घरों को उनके लिए होम-स्टे में बदलना शुरू कर दिया है|
BrahmDevYadav 3 years 1 month ago
जम्मू और कश्मीर में पर्यटन को एक बड़ा बढ़ावा मिलने के लिए पूरी तरह तैयार है क्योंकि सेना ने नियंत्रण रेखा पर अधिकांश क्षेत्रों में प्रतिबंधों में ढील दी है| भारतीय सेना ने कश्मीर घाटी में सीमा पर पर्यटकों की अधिक पहुंच की अनुमति दी है क्योंकि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम अच्छे से चल रहा है| एक जगह जहां विकास दिखाई दे रहा है वह है कुपवाड़ा का केरन सेक्टर, दशकों तक तोपों के साये में रहने के बाद नियंत्रण रेखा के पास स्थित यह सुरम्य स्थान धीरे-धीरे खुद को पर्यटन स्थल में बदल रहा है|
BrahmDevYadav 3 years 1 month ago
कश्मीर प्रशासन बॉर्डर टूरिज्म खोलने की योजना बना रहा है:-
सेना के अधिकारी ने कहा कि केरन में पर्यटन को बढ़ावा देने से न केवल शांति और समृद्धि आएगी बल्कि यह गुरेज के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा. जमीनी स्थिति में सुधार के साथ, प्रशासन सीमा पर्यटन को खोलने की योजना बना रहा है| अगर सब कुछ ठीक रहा तो यात्री जल्द ही कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर बड़ी संख्या में जा सकेंगे|
BrahmDevYadav 3 years 1 month ago
तीर्थ स्थल और पर्यटन स्थल को आप क्या समझते हैं?
पर्यटन स्थल स्थल होते हैं जहां लोग घूमने फिरने आते हैं और वहां के सौंदर्य का आनंद उठाते हैं वहीं दूसरी ओर तीर्थाटन स्तन होता है जहां किसी भगवान की पूजा की जाती है और वह स्थान सुप्रसिद्ध होता है जिसके कारण लोग वहां आते हैं उनकी दर्शन करते हैं प्रत्येक तीर्थ स्थल का ऐतिहासिक रूप में अपना एक विशेष महत्व है।
BrahmDevYadav 3 years 1 month ago
पर्यटन के सामाजिक सांस्कृतिक प्रभाव क्या हैं?
पर्यटन के सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव वे तरीके हैं जिनसे पर्यटन मूल्य प्रणालियों, व्यक्तिगत व्यवहार, पारिवारिक संबंधों, सामूहिक जीवन शैली, नैतिक आचरण, रचनात्मक ई अभिव्यक्तियों, पारंपरिक समारोहों और सामुदायिक संगठन में परिवर्तन में योगदान दे रहा है।
BrahmDevYadav 3 years 1 month ago
इतिहास शिक्षण में पर्यटन का महत्व क्या है?
पर्यटन का महत्त्व प्रत्येक देश में स्वीकार किया जा चुका है । जगत् के प्रख्यात विचारक मांटेन का कथन है कि पर्यटन के अभाव में कोई व्यक्ति पूर्ण शिक्षित नहीं कहा जा सकता । आधुनिक युग में प्रत्येक शिक्षा-प्रणाली में पर्यटन की योजना अनिवार्य रूप से सन्निविष्ट है । आदिकाल से मनुष्य पर्यटन का प्रेमी रहा है ।