Start Date: 30-03-2022
End Date: 31-07-2022
प्लास्टिक कचरे के बढ़ते खतरे को देखते हुए एवं हर जगह फेंके जाने वाले ...
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प्लास्टिक कचरे के बढ़ते खतरे को देखते हुए एवं हर जगह फेंके जाने वाले प्लास्टिक कचरे के कारण होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को रोकने के लिए हमें सतत प्रयासों के बारे में सोचने की तत्काल आवश्यकता है।
जम्मू-कश्मीर को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए आपके विचार एवं सुझाव आमंत्रित हैं। यदि आपके पास जम्मू-कश्मीर में सिंगल यूज प्लास्टिक को खत्म करने के लिए अभिनव तरीके एवं विचार है तो कृपया माईगव जम्मू और कश्मीर पोर्टल के साथ साझा करें।
भेजने की शुरुआती तिथि: 7 मार्च, 2022
अंतिम तिथिः 31 मई, 2022
BrahmDevYadav 3 years 4 days पहले
पॉलीथिन का उपयोग समाप्त हो इसके लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
वहीं कुछ दुकानदार पॉलीथिन बैग से बचने की पूरी कोशिश कर रहें हैं साथ ही बायोडिग्रेडेबल कैरी बैग का यूज कर रहे हैं। लोगों को अब पॉली बैग की जगह वे नॉन वोवन बैग ही दे रहे हैं। हर रोज लगभग 9 हजार टन प्लास्टिक वेस्ट कलेक्ट व रिसाइकिल किया जाता है।
BrahmDevYadav 3 years 4 days पहले
प्लास्टिक के उपयोग को प्रतिबंध करने के लिए हम क्या कर सकते हैं?
प्लास्टिक के अति उपयोग को कम करने के उपाय-(1) हम प्लास्टिक की थैलियों का कम-से-कम उपयोग करें। जहाँ भी संभव हो बिना किन्हीं दुष्प्रभावों के हम इन थैलियों का पुनः उपयोग करें। (2) दुकानदारों से कागज़ के थैले उपयोग करने का आग्रह करें। खरीददारी के लिए बाज़ार जाते समय हम घर से कपड़े अथवा जूट का थैला लेकर जाएं।
BrahmDevYadav 3 years 4 days पहले
प्लास्टिक उन्मूलन क्या है?
प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का जमीन या जल में इकट्ठा होना प्लास्टिक प्रदूषण कहलाता है, जिससे वन्य जन्तुओं, या मानवों के जीवन पर बुरा प्रभाव पडता है। प्लास्टिक प्रदूषण पर प्रतिकूल वन्य जीवन, वन्यजीव निवास स्थान को प्रभावित करता है कि वातावरण में प्लास्टिक उत्पादों के संचय करना शामिल है।
BrahmDevYadav 3 years 4 days पहले
सिंगल यूज प्लास्टिक को कैसे खत्म करें?
सिंगल यूज प्लास्टिक को केवल एक बार प्रयोग करके फेंक दिया जाता है। इनमें प्लास्टिक की थैलियां, डिस्पोजल प्लास्टिक, स्ट्रॉ, सोडा वा पानी की बोतलें शामिल हैं। ऐसे प्लास्टिक आमतौर पर मिट्टी के भीतर जाकर दफन हो जाते हैं। कई सालों बाद ये छोटे छोटे कणों में विघटित होने लगते हैं।
BrahmDevYadav 3 years 4 days पहले
एनवायरनमेंट एक्सपर्ट्स का मानना है कि सिंगल यूज प्लास्टिक बैन तभी सफल होगा जब आम लोगों में इसके प्रति जागरूकता हो और आसानी से सिंगल यूज प्लास्टिक के दूसरे विकल्प लोगों के सामने उपलब्ध हों। इसके साथ ही किसी सामान में ऐसे प्लास्टिक का इस्तेमाल होना चाहिए जिसे आसानी से रिसाइकिल किया जा सके।
BrahmDevYadav 3 years 4 days पहले
सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प क्या है?
सिंगल यूज प्लास्टिक के बैन होने पर अलग-अलग चीजों के लिए अलग-अलग विकल्प हो सकते हैं। जैसे- प्लास्टिक के स्ट्रा की जगह पेपर स्ट्रा। इसी तरह बांस से बनी ईयर बड्स स्टिक, बांस से बनी आइसक्रीम स्टिक, कागज और कपड़े से बने झंडे, परंपरागत मिट्टी के बर्तन आदि का इस्तेमाल सिंगल यूज प्लास्टिक की जगह पर किया जा सकता है।
BrahmDevYadav 3 years 4 days पहले
प्लास्टिक अलग-अलग रास्तों से होकर नदी और समुद्र में पहुंच जाता है। यही नहीं प्लास्टिक सूक्ष्म कणों में टूटकर पानी में मिल जाता है, जिसे हम माइक्रोप्लास्टिक कहते हैं। ऐसे में नदी और समुद्र का पानी भी प्रदूषित हो जाता है। यही वजह है कि प्लास्टिक वस्तुओं पर बैन लगने से भारत अपने प्लास्टिक वेस्ट जेनरेशन के आंकड़ों में कमी ला सकेगा।
BrahmDevYadav 3 years 4 days पहले
सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाना क्यों जरूरी है?
देश में प्रदूषण फैलाने में प्लास्टिक कचरा सबसे बड़ा कारक है। प्लास्टिक न तो डीकंपोज होते हैं और न ही इन्हें जलाया जा सकता है, क्योंकि इससे जहरीले धुएं और हानिकारक गैसें निकलती हैं। ऐसे में रिसाइक्लिंग के अलावा स्टोरेज करना ही एकमात्र उपाय होता है।
BrahmDevYadav 3 years 4 days पहले
सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है?
सिंगल यूज प्लास्टिक, नाम से ही साफ है कि ऐसे प्रोडक्ट जिनका एक बार इस्तेमाल करने के बाद इन्हें फेंक दिया जाता है। इसे आसानी से डिस्पोज नहीं किया जा सकता है। साथ ही इन्हें रिसाइकिल भी नहीं किया जा सकता है। यही वजह है कि प्रदूषण को बढ़ाने में सिंगल यूज प्लास्टिक की अहम भूमिका होती है।
BrahmDevYadav 3 years 4 days पहले
एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक वाली इन वस्तुओं पर बैन होगा। इनमें 100 माइक्रोन से कम मोटाई के प्लास्टिक बैनर शामिल हैं। गुब्बारा, फ्लैग, कैंडी, ईयर बड्स के स्टिक और मिठाई बॉक्स में यूज होने वाली क्लिंग रैप्स भी शामिल हैं। केंद्र सरकार ने कहा है कि 120 माइक्रॉन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक बैग को भी 31 दिसंबर 2022 से बंद कर दिया जाएगा।